kids stories online हिंदी कहाणी
1 प्यासा कौवा
एक बार की बात है किसी जंगल में एक कौआ रहता था। एक दिन उसे बड़ी जोर से प्यास लगी। वह पानी की तलाश में वह बहुत दूर तक उड़ता रहा, परन्तु कहीं भी उसे पानी नहीं मिला। जब वह बहुत थक गया तो उसे आखिर में एक घड़ा दिखाई दिया जिसमे बहुत थोड़ा-सा पानी था ।
जब कौए ने पानी पीना चाहा तो उसकी चोंच पानी तक नहीं जा सकी उसने हर तरह से पानी पीने की कोशिश की, पर सब बेकार गई। कौआ बेचैन हो उठा, तभी उसे एक उपाय सूझा ।
उसने आस पास से कंकड़ एकत्रित करें और एक-एक करके अपनी चोंच से घड़े में तब तक डाले जब तक पानी ऊपर नही आ गया। फिर कौए ने जी भरकर पानी पिया |
इस तरह कौए ने अपनी मेहनत और सहनशक्ति से अपनी प्यास बुझायो और जान बचाई।
2 हवा और सुरज
एक बार हवा और सूरज में बहस छिड़ी। हवा ने कहा मैं तुमसे अधिक बलवान हूं ।
सूरज ने कहा नहीं, मैं तुमसे अधिक बलवान हूं। उसी समय वहाँ से एक आदमी जा रहा था, उसने एक शॉल लपेटी हुई थी।
हवा ने उस आदमी की ओर देखकर कहा कि जो भी आदमी के शरीर के ऊपर से शॉल को अलग कर देगा, वही अधिक बलवान होगा।
सूरज ने हवा की बात मान ली। हवा ने पहले पहल की। हवा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी शॉल को चीरने में किन्तु हवा तेज चलने के कारण उस आदमी ने और जोर से शॉल को पकड़ लिया। हवा कुछ न कर पाई।
अब सूरज की बारी आई। सूरज मुस्कुराते हुए गर्म होने लगा। आदमी ने भी मुस्कुराते हुए सूरज की गर्मी को महसूस किया और जल्द ही शॉल को अपने से थोड़ा अलग कर दिया।
अब सूरज ने और मुस्कुराते हुए अपने गर्मी तेज की, गर्मी तेज होने के कारण आदमी को अब शॉल की जरूरत नहीं थी उसने मुस्कुराते हुए अपनी शॉल को जमीन पर फेंक दिया। इस प्रकार सूरज को अधिक बलवान घोशीत किया।
3 दो मित्र
एक जंगल मै दो शेर रहाते है । और वो दोनो अच्छे दोस्त होते है।
एक दिन अचानक किसी बात पार दोनो शेरों की दोस्ती बिगड़ जाती है ।
दोनों ही एक दुसरे के दुश्मन हो जाते हैं, फिर दोनों एक दूसरे से 10 साल तक बात तक नही करते……
इन बिच दोनो की शादी हो जाती है। और
एक बार पहले शेर और उसकी बीवी-बच्चे बाहर घुमने जाते है। तबी वहा उन को 25-30 कुत्ते नोचने लगते हैं ।
तभी दूसरा शेर वही आस पास होता है तभी उनकी आवाज सुनकर वहा आकार उन कुत्तों को केले के छिलके की तरह फाड़ के भाग देता है
और फिर से पहले शेर से दूर जा के बैठ जाता है……
तबी पहले शेर का बेटा शेर के पास जकार उससे पूछता है कि पापा दूसरे शेर से तो आप बात तक नही करते, फिर भी उसने हमको क्यों बचाया ??
पहले शेर ने कहा *”” बेटा, भले ही नाराज़गी हो, पर दोस्ती इतनी भी कमजोर नही होना चाहिए कि कुत्ते फायदा उठा लें।””*
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4 संकट नहीं, इसका भ्रम दुख देता है !
एक किसान के खेत में सांप और चूहे दोनों थे, लेकिन वह इससे अंजान था।
एक दिन रात में खेत से गुजरते हुए सांप ने उसे पैर में काट लिया, पर जैसे ही उसने नीचे झुककर देखा, तो उसे भागता हुआ चूहा दिखा। किसान को लगा कि चूहे ने काटा है, इससे वो निश्चिंत हो गया और इलाज नहीं कराया।
सौभाग्य की बात थी कि अधिकांश सांपों की तरह वह सांप भी जहरीला नहीं था, सो उस पर उसका कुछ असर नहीं हुआ।
किसान अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में लग गया। बात आई – गई हो गई।
कुछ महीनों बाद फिर से रात में खेत से गुजरते हुए अचानक उसे चूहे ने काट लिया, लेकिन इस बार नजर झुकाने पर उसकी नजर सांप पर पड़ी। सांप दरअसल चूहे का शिकार करने के लिए उसके पीछे लगा था।
सांप को देखते ही किसान चक्कर खाकर नीचे गिर गया। इलाज हुआ, लेकिन उस पर कोई खास असर नहीं हुआ, क्योंकि मर्ज कुछ और था और इलाज किसी और का हो रहा था।
धीरे-धीरे किसान की बीमारी मानसिक हो गई थी।
सीख : जीवन की अधिकांश चिंताएं भ्रम के कारण उपजती हैं। जीवन के संकटों पर गौर करके देखें, कहीं ये आपके भ्रम तो नहीं !
5 मक्खी का लालच
एक गाव मै एक बार एक व्यापारी अपने ग्रहक को शहद बेच रहा था। तभी अचानक व्यापारी के हाथ से फिसलकर शहद का बर्तन गिर गया।
बहुत सा शहद जमीन पर बीखर गया । जितना शहद ऊपर-ऊपर से उठाया जा सकता था उतना व्यापारी ने उठा लिया । परन्तु कुछ शहद फिर भी ज़मीन पर गिरा रह गया ।
कुछ ही देर में बहुत सी मक्खियाँ उस ज़मीन पर गिरे हुए शहद पर आकर बैठ गयीं। मीठा मीठा शहद उन्हें बड़ा अच्छा लगा।
वह जल्दी-जल्दी उसे चाटने लगीं। जब तक उनका पेट भर नहीं गया वह शहद चाटती रहीं
जब मक्खियों का पेट भर गया और उन्होने उड़ना चाहा, तो वह उड़ ना सकीं। क्योंकि उनके पंख शहद में चिपक गए थे।
उड़ने के लिए उन्होंने बहुत कोशिश की परन्तु वह फिर भी उड़ ना पायीं। वह जितना छटपटाती उनके पंख उतने चिपकते जाते। उनके सारे शरीर में शहद लगता जाता ।
काफी मक्खियाँ शहद में लोट-पोट होकर मर गायीं । बहुत सी मक्खियाँ पंख चिपकने से छट पटा रहीं थीं। परन्तु तब भी नई मक्खियाँ शहद के लालच में वहाँ आती रहीं।
मरी और छट पटाती मक्खियों को देखकर भी वह शहद खाने का लालच नहीं छोड़ पाई ।
मक्खियों की दुर्गति और मूर्खता देखकर व्यापारी बोला- जो लोग जीभ के स्वाद के लालच में पड़ जाते है, वह इन मक्खियों के समान ही मूर्ख होते हैं।
स्वाद के थोड़ी देर के सुख उठाने के लालच में वह अपने स्वास्थ को नष्ट कर देते हैं। रोगी बनकर तड़पते है और जल्द ही मर जाते हैं।